मिथिलेश
आदित्य
मेरे पास अनाज
है
पर इसकी भूख
नहीं
मेरे पास दिल
है
पर किसी से
प्यार/स्नेह नहीं
मेरे पास धन
है
पर उपयोग/उपभोग नहीं
मेरे पास विद्या
है
पर अनुसरण/अमल नहीं
मेरे पास बल
है
पर इसका कोई
उपयोग/निष्कर्स नहीं
मेरे पास मित्र
है
पर आपस में
आत्मियता/हार्दिकता नहीं
मेरे पास किताब
है
पर इसका कोई
अध्ययन/अध्यापन नहीं
मेरे पास जुबान
है
पर सच बोलने
का साहस नहीं
मेरे पास दुनियाँ
का सब कुछ
है
पर किसी को
मालुम नहीं,
किसी को देने
के लिए कुछ
नहीं
पर कहने/कहलाने के लिए
है
मेरे पास और
भी है बहुत
कुछ
पर आज याद
नहीं—
...
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