शनिवार, 27 फ़रवरी 2016

मैं लिखूँगा कविता

मिथिलेश आदित्य
मैं लिखूँगा कविता
तब, जब सावन की वारिश होगी
और होगा प्रेमिका के आने का संकेत
जब प्रेमिका मेरी बाहों में होगी
और प्यार भरी बातें होगी
इसी बीच
भूलीभटकी बातों को
याद करते हुए
मैं लिखूँगा कविता 
मुझे यकीन है
मेरी कविता में
जन्म लेगासमुन्द्र
जन्म लेगातूफान
जन्म लेगापहाड़
जन्म लेगासंघर्ष
जन्म लेगा और भी बहुत कुछ
जिससे सिखेगा आदमी
आदमी होने के लिए
बेहतर जीने के लिए
अपनी जिन्दगी,
औरों की जिन्दगी जीने के लिए
संवारने के लिए
एकदूसरे से
प्यारस्नेह के लिए
मैं लिखूँगा  कविता
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