रविवार, 28 फ़रवरी 2016

कामना

मिथिलेश आदित्य
काँटों के घने जंगल
उगा लेना
चाहता हूँमैं
अपने चारों तरफ

ताकि

कभी ना सो सकूँ
गहरी नींद
इसके चुभन से
...

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