मिथिलेश आदित्य
मैं
नेक आदमी बनना चाहता हूँ
ताकि ईश्वर
मेरे नेक कामों से प्रभावित रहे
मुझसे हाथ मिलाना चाहे
मेरे संग फोटो खिचाना चाहे
मेरी आटोग्राफ लेना चाहे
मैं दुनियाँ की
जटिल से जटिल
समस्याओं का समाधान कर सकूँ
सबों की जरुरत बन सकूँ
मसीहा बन सकूँ
ताकत बन सकूँ
इसकी सेवा और रक्षा कर सकूँ
इस तरह से
मैं ईश्वर का
अभिन्न चहेता बन सकूँ
ताकि ईश्वर
मेरे नेक कामों से प्रभावित रहे
अर्थात्
मेरा जन्मना सार्थक हो जाए
इस धरा और गगन के लिए
आदमी के लिए
आदमी होने के लिए
ईश्वर के लिए
...
मैं
नेक आदमी बनना चाहता हूँ
ताकि ईश्वर
मेरे नेक कामों से प्रभावित रहे
मुझसे हाथ मिलाना चाहे
मेरे संग फोटो खिचाना चाहे
मेरी आटोग्राफ लेना चाहे
मैं दुनियाँ की
जटिल से जटिल
समस्याओं का समाधान कर सकूँ
सबों की जरुरत बन सकूँ
मसीहा बन सकूँ
ताकत बन सकूँ
इसकी सेवा और रक्षा कर सकूँ
इस तरह से
मैं ईश्वर का
अभिन्न चहेता बन सकूँ
ताकि ईश्वर
मेरे नेक कामों से प्रभावित रहे
अर्थात्
मेरा जन्मना सार्थक हो जाए
इस धरा और गगन के लिए
आदमी के लिए
आदमी होने के लिए
ईश्वर के लिए
...